मुहूर्त पर पंडितो की राय, जाने रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त और मनाने का कारण

Raksha Bandhan shubh muhurat

रक्षाबंधन बहन और भाई के प्रेम का प्रतिक माना जाने वाला हिन्दु धर्म का सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार है। यह त्यौहार वैदिक पंचाग के अनुसार हर साल श्रावण महीने की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है।

2024 में इस दिन कहि शुभ योग बन रहे है, जिसमे से एक शोभन योग भी बन रहा है। यह योग 20 अगस्त को रात 12 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगा। और इसी के साथ सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग का निर्माण भी हो रहा है। जो की प्रातः काल 05 बजकर 53 मिनट से शुरू होकर और सुबह 08 बजकर 10 मिनट पर समापन होंगे।

तो आइये जानते है रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त और मनाने का कारण… 

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रक्षाबंधन मनाने का कारण (Raksha Bandhan Kyu Manaya Jata Hai)

Raksha Bandhan Kyu Manaya Jata Hai

भारतीय धर्म ग्रंथों और पौराणिक कथाओ के अनुसार इस त्यौहार की शुरवात महाभारत से हुई है, जब श्री कृष्ण के अंगुली में चोट लग गयी थी तब बहते खून को देख द्रोपती ने अपना पल्लू फाड़ कर उनकी अगली पर बाँध दिया।

और भगवन कृष्ण द्रोपती के इस हाव भाव को देख कर प्रभावित हो गए और द्रोपती को उनकी रक्षा करने का वचन दिया और भगवान कृष्ण ने इस वचन को तब पूरा किया जब हस्तिनापुर के दरबार में सभी के सामने उन्हें अपमान का सामना करना पड़ा. इस प्रकार धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन राखी बांधने की परम्परा की शुरवात हुई।  

2024 में कब है रक्षाबंधन का त्यौहार (Raksha Bandhan Date 2024)

वैसे तो हिन्दू पंचांग के अनुसार यह त्यौहार श्रावण महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है, लेकिन अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से ये 19 अगस्त 2024 को मनाया जायेगा। जिसमे यह 19 अगस्त की सुबह 3 बजकर 4 मिनट पर शुरू होकर रात 11 बजकर 55 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। 

2024 में राखी बांधने का शुभ महूर्त (Raksha Bandhan Shubh Muhurat)

Raksha Bandhan Shubh Muhurat

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार 2024 रक्षाबंधन पर राखी बांधने का अपराह्न का मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 46 मिनट से 4 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। और इस मुहूर्त की अवधि 2 घंटे 37 मिनट रहेगी। और इसी प्रकार पूर्वाह्न का मुहूर्त भी शाम 6 बजकर 56 मिनट से रात 9 बजकर 07 मिनट तक रहेगा। और इसकी अवधि 2 घंटे 11 मिनट होगी। 

रक्षाबंधन भद्रा काल 2024 (Raksha Bandhan Bhadra Kaal)

भारतीय धर्म ग्रंथों और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भद्रा काल को अशुभ काल माना जाता है।  इस काल में सभी शुभ कार्य को करना वर्जित होता हैं। ज्योतिष के अनुसार भद्रा काल में कोई कार्य सफल नहीं होता है और उसमें बाधाएं आती हैं, इसलिए इसे अशुभ काल भी कहा जाता है।

इस साल रक्षाबंधन भद्रा अंत समय दोपहर 01 बजकर 30  मिनट तक रहेगा। और रक्षाबंधन भद्रा पूंछ सुबह 09:51 से सुबह 10:53 तक चलेगा। और रक्षाबंधन भद्रा मुख सुबह 09:51 से सुबह 10:53 तक रहेगा। 

रक्षाबंधन 2024 पर बने शुभ योग (Raksha Bandhan Subh Yog)

Raksha Bandhan Subh Yog

इस रक्षाबंधन में शोभन योग के साथ सर्वार्थसिद्धि योग और रवि योग का निर्माण भी हो रहा है। और इस बार ग्रहो के राजा सूर्य स्वराशि सिंह राशि में विराजमान होंगे और इसी के साथ बुध और शुक्र भी इसी राशि में होंगे जिससे बुधादित्य और शुक्रादित्य का राजयोग बनेगा।